राजसमंद. श्रीजी प्रभु की हवेली में सोमवार 1 जून को गंगा दशमी के उपलक्ष्य में अनूठे कार्यक्रम होंगे। परंपरा के अनुरूप शाम को भोग आरती की झांकी में यमुनाजी के उत्सव के भाव से श्रीजी प्रभु के सम्मुख जल भरा जाएगा। श्रीजी प्रभु को कली का अनूठा शृंगार अंगीकार कराया जाएगा। निर्जला एकादशी मंगलवार को : मंगलवार 2 जून को निर्जला एकादशी के अवसर पर श्रीजी प्रभु की हवेली में कई आयोजन होंगे। नगरवासी, वैष्णव दान-पुण्य करेंगे। बाल स्वरूपों को राग, भोग और सेवा के लाड लड़ाए जाएंगे। शहरवासी जलपात्र, पंखा, आम, शक्कर, वस्त्र सहित अन्य वस्तुओं का दान करेंगे। महिलाएं गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाएंगी।
आज एक जून को गंगा दशहरा का विशेष पर्व मनाया जाएगा। कहते हैं कि इस दिन भगीरथी की तपस्या के बाद जब गंगा माता ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को ही धरती पर अवरित हुईं थी। यही कारण है कि इसे गंगा दशहरा के नाम से पूजा जाना जाने लगा। इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर जो गंगा स्तोत्र पढ़ता है वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है। किसी वजह से अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर स्नान कर लें। अपने पापों को कम करने के लिए इस दिन से अच्छा कोई दिन नहीं है। इसलिए धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि अगर अपनी गलतियों का आपको पछतावा है तो गंगा दशहरा से अच्छा कोई दिन नहीं है। इस दिन गरीबों ब्रहा्मणों को दान करना चाहिए।
स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान से कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम. चीनी आदि चीजें दान की जाती हैं। गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालुजन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए। जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है।